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Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर की गई ये चीजें आपके लिए बन सकती हैं अभिशाप, व्रत से पूर्व जरूर जान लें ये बातें

देवउठनी एकादशी का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। एकादशी प्रत्येक मास को कृष्ण और शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस बार यह व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी दुखों का अंत होता है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ खास (Dev Uthani Ekadashi 2024) बातों को जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 10 Nov 2024 10:09 AM (IST)
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Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर रखें इन विशेष बातों का ध्यान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवउठनी एकादशी का दिन अत्यंत उत्तम होता है। इसे देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, जो हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह 24 एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह एकादशी "चातुर्मास" के अंत का प्रतीक है, जब भगवान विष्णु अपने योग निद्रा काल से जागते हैं। विष्णु-प्रबोधिनी और देव प्रबोधिनी एकादशी, कार्तिक शुक्ल एकादशी और कार्तिकी एकादशी इसके अन्य नाम हैं। इस साल देवउठनी एकादशी

(Dev Uthani Ekadashi 2024) का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा।

वहीं, इस दिन कुछ चीजों को लेकर मनाही होती है और कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिनका पालन जरूरी होता है, तो आइए उनके बारे में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

देवउठनी एकादशी पर रखें इन विशेष बातों का ध्यान (Dev Uthani Ekadashi 2024 Dos And Donts)

  • देवउठनी एकादशी पर शराब, मांस, मछली, प्याज, लहसुन ( किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन) और अनाज का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • इस दिन फलहारी चीजें जैसे - फल, दूध, मेवा, मिष्ठान आदि का सेवन कर सकते हैं।
  • इस दिन चावल के सेवन से भी बचना चाहिए।
  • देवउठनी एकादशी पर तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
  • एकादशी व्रत से एक दिन पहले ही तुलसीपत्र तोड़कर रख लेना चाहिए।
  • आशीर्वाद और सौभाग्य के लिए इस दिन 'श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।' या किसी अन्य भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस दिन भगवान कृष्ण और नारायण को तुलसी पत्र के साथ ही भोग लगाएं।
  • इस शुभ व्रत पर श्री हरि की कृपा के लिए कमल का फूल अवश्य चढ़ाएं।
  • एकादशी व्रत से एक दिन पहले सिर धो लें और एकादशी के दिन अपने बाल धोने से बचें।
  • इस शुभ तिथि पर भक्तों के लिए दिन में सोना मना है, खासकर जब वे उपवास कर रहे हों।
  • इस दिन झूठ बोलने और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए।
  • इस मौके पर गरीबों की मदद करनी चाहिए।

देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को जगाने के मंत्र

1. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

    ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।